आरती करिए सियावर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की | Ram Ji Ki Aarti | Aarti Kariye Siyavar Ki Avadhpati Raghuvar Sundar Ki

आरती करिए सियावर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की
Ram Ji Ki Aarti | Aarti Kariye Siyavar Ki Avadhpati Raghuvar Sundar Ki

आरती करिए सियावर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की | Ram Ji Ki Aarti | Aarti Kariye Siyavar Ki Avadhpati Raghuvar Sundar Ki
Lord Rama

आरती करिए सियावर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की

जगत में लीला विस्तारी, कमल दल लोचन हितकारी
मुरती अलखित घुंघराली, मुकुट छवि लगती है प्यारी
मृदुल जब मुख मुस्काते है, छिनकर मन ले जाते है
नवल रघुवीर, हरे सब पीर, बड़े है वीर
जयति जय करुणा सागर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की…

गले मे हीरो का है हार, पीटपत ओढ़त राजदुलार
दृगन की चितवन पर बलिहार, दिया है हमने तन मन वार
चरण है कोमल कमल विशाल, छबीले है दशरथ के लाल
सलोने श्याम, नवल अभिराम, पुरण सब काम
सूरत है सकल चराचर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की…

अहिल्या गौतम की दारा, नाथ ने क्षण में निस्तारा
जटायु शबरी को तारा, नाथ केवट को उद्धारा
शरण मे कपि सुकंठ आये, विभीषण अभय दान पाए,
मान मद त्याग, मोह से जाग, किया अनुराग
कृपा है रघुवर सुंदर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की…

अधम जब खल बढ़ जाते है, नाथ जब जग में आते है
विविध लीला दर्शाते हैं, धर्म की लाज बचाते है
बसों नयनन में श्री रघुनाथ, मात श्री जनकनंदनी साथ
मनुज अवतार लिए हर बार, प्रेम विस्तार
विनय है लक्ष्मण अनुचर की, अवधपति रघुवर सुन्दर की…

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