कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन भजन लिरिक्स | Kuch Yaad Karo Apna Pavansut Woh Balpan Bhajan Lyrics

कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन भजन लिरिक्स 
 Kuch Yaad Karo Apna Pavansut Woh Balpan Bhajan Lyrics

कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन,
अब जागो हे अंजनी कुमार,
लंका की और प्रयाण करो,
हे भूतकाल के विकट वीर,
तुम वर्तमान निर्माण करो,
हम सब चिंता मे डूबे है,
माता का पता लगाओ तुम,
दूखियो का दुखडा दुर करो,
संकटमोचन कहलाओ तुम॥


कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन,
वीध्युत की गति जिसमे थी अद्भुत वो बालपन,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥॥


दुनिया थी दंग देख तुम्हारी उड़ान को,
तुमने हिला के रख दिया था आसमान को,
आकाश तुम्हारे लिये था एक अखाडा,
जिसने भी ली टक्कर उसे पल भर मे पछाडा,
बिजली की तरह लपके थे सूरज की तरफ़ तुम,
मुखडे मे छुपाकर के दिवाकर को किया गुम,
तुम खा गये धधकता हुआ अग्नि का गोला,
ताकत तुम्हारी देखके ब्रम्हन्ड था डोला,
हनुमान जी कहाँ गई वो शक्ति विलक्षण,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥॥


फ़िर एक नया दुश्मन तुम्हे ललकारने लगा,
आँखे दिखा के शेखिया बघारने लगा, राहू
उसको दे मारी तुमने लात बात बात मे,
पापी को किया मात तुमने बात बात मे,
जब राहु गया हार तो फ़िर इन्द्र भी आया,
झुंझला के उसने तुमपे अपना वज्र चलाया,
और अंत मे सब हो गया झगड़ों का सफाया,
तब देवों ने मिलकर तुम्हे वज्राँग बनाया,
है आज कसौटी तुम्हारी ओ केसरी नँदन,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥॥


तुम शक्ति पुंज हो किसी से डर नही सकते,
ऐसा ना कोई काम जो तुम कर नही सकते,
उठो छलाँग मारो बजरंगबली,
आकाश को ललकारो बजरंगबली,
भीषण स्वरूप धारों बजरंगबली,
संकट से तुम उबारो बजरंगबली,
उठो बजरंगबली जागो बजरंगबली॥॥


कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन,
वीध्युत की गति जिसमे थी अद्भुत वो बालपन,
कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन॥॥

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कुछ याद करो अपना पवनसुत वो बालपन भजन लिरिक्स | Kuch Yaad Karo Apna Pavansut Woh Balpan Bhajan Lyrics
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