त्रिलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे भजन लिरिक्स | Triloki Ro Nath Jat Ghar Rah Gayo Haali Re Hindi Bhajan Lyrics

त्रिलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे भजन लिरिक्स
Triloki Ro Nath Jat Ghar Rah Gayo Haali Re Hindi Bhajan Lyrics

Gayak - Prakash Mali

तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे

सौ बीघा को खेत जाट रो
राम भरोसे खेती रे
आधा में बाया गेहूँ चणा नै
आधा में दाणा मैथी रे
बिना बाड़ रो खेत जाट रो
श्याम रूखाळी रे
तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे

जाट जाटणी निर्भय सुता
सुता छोरा छोरी रे
साँवरियो पोहरा रे ऊपर
कौन करेला चोरी रे
चोर आवे पर चक्कर लगावे
जावे खली रे
तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे

मोठ बाजरी रो राम सोगरो
ऊपर घी रो लचको रे
पालक री तरकारी रान्धू
भरे मूली रे बटको रे
छाछ राबड़ी रा करे कलेवो
भर भर थाली रे
तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे
रह गयो हाळी रह गयो हाळी रह गयो हाळी रे
तिरलोकी रो नाथ जाट घर रह गयो हाळी रे

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