परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन भजन लिरिक्स| Parishram Kare Koi Kitna Bhi Lekin Bhajan Lyrics

परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन भजन लिरिक्स
Parishram Kare Koi Kitna Bhi Lekin Bhajan Lyrics 

परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन,
कृपा के बिना काम चलता नहीं है,
निराशा निशा नष्ट होती ना तब तक,
दया भानु जब तक निकलता नहीं है,

अमित वासनाये अमित रूप ले कर,
अंत करण में उपद्रव मचाती,
तब फिर कृपासिंधु श्री राम जी के,
अनुग्रह बिना मन सम्बलता नहीं है,

म्रगवारी जैसे असत इस जगत से,
पुरुषार्थ के बल पर बचना है मुश्किल,
श्री हरि के सेवक जो छल छोड़ बनते,
उन्हें फिर ये संसार छलता नहीं है,

सद्गुरू शुभाशीष पाने से पहले,
जलता नहीं ग्यान दीपक भी घर में,
बहती न तब तक समर्पण की धारा,
अहंकार जब तक घलता नहीं है

राजेश्वरानन्द आनंद अपना,
पाकर ही लगता है ये जग जाल सपना,
तन बदले कितने भी पर प्रभु भजन बिन,
कभी जन का जीवन बदलता नहीं

परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन,
कृपा के बिना काम चलता नहीं है,


Rajan Ji Maharaj Bhajan

Youtube Video



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