राजा भृर्तहरि भजन लिरिक्स | Raja Bhrirthari Bhajan Lyrics

राजा भृर्तहरि भजन | Raja Bhrirtahari Bhajan Lyrics

राजा सुता रे महल रे माय तरसना जागी रे तसरना जागी  
ज्याने मिल गया गोरखनाथ भरमना भागी।
ओ थारी सफल कमाई महाराज भरतरी थारी रे भरतरी थारी 
हो मालिक रे कारण जोग फाकरी धारी ......
ओ थारी सफल कमाई महाराज भरतरी थारी 
मालिक के कारण जोग फ़क़ीरी धारी2
राजा गया जंगल के माय लगा रिया हेला रे  लगा रिया हेला 
ज्याने मिल गया गोरखनाथ मुंड लिया चेला 2
ओ थारी सफल कमाई महाराज भरतरी थारी रे भरतरी थारी 
इस्वर रे कारण जोग फ़क़ीरी थारी राजा जाओ महल के माय लगा लाओ फेरी रे लगा लाओ  फेरी 
हे पिंगला ने कहिजो  मात करो मत देरी 
अब राजा गया मेल के माय लगा रिया फेरी रे लगा रिया फेरी 
भिखसा देवो रे पिंगला मात करो मत देरी 
एक सफल कमाई महाराज भरतरी थारी रे भरतरी थारी इश्वर रे कारण जोग फ़क़ीरी  धारी
हे रानी पड़ी महल के माय लटइया तोड़े लटइया तोड़े 
राजा एक दिन पकडियो हाथ प्रिंत कय तोड़े ।
एक सफल कमाई महाराज भरतिरि थारी रे भरतरी थारी 
ईशवर रे कारण जोग फ़क़ीरी धारी 
ओ रानी पड़ी महल के माय तड़प रही काया 
ओ थारा मरजो गोरखनाथ राज छुड़वाया 
ओ रानी मत दे दोष गुरा ने करम गति न्यारी रे करम गति न्यारी
हो लिख दिया विधाता लेक तरे नही तारी
ओ थारी सफल कमाई  महाराज भरतरी थारी रे भरतरी थारी ईशवर रे कारण जोग फ़क़ीरी धरी
ओ सोहन शिखर के बिच सांकरी छेड़ी सांकरी छेड़ी हो ज्याने गावे झरना नाथ भजन का लेरी ओ ज्याने गावे झरना नाथ भजन का लेरी
थारी सफल कमाई महाराज भरतरी थारी  रे भरतरी थारी 
ईशवर रे कारण जोग फ़क़ीरी धारी

                 🚩Send By - रामनिवास वैष्णव 🙏


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