हाथ जोड़ने करू विनती भजन लीरिक्स | आकृति मिश्रा | Hath Jodne Karu Vinti Bhajan Lyrics | Aakriti Mishra

हाथ जोड़ने करू विनती भजन लीरिक्स
Hath Jodne Karu Vinti Bhajan Lyrics 
 
 हाथ जोड़ने करू विनती,
मारी जगदम्बा माय,ए मारी चामुंडा ए माय।
राखो थे बालूड़ा री लाज,मावड़ी ये भवानी।
राखो थे भगता री लाज,मावड़ी ये माँ।।

माँ ने तो भावे माता चूरमो,ये मारी जगदम्बे माय।
लागे थारे लाडूड़ा रो भोग,मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,मारी जगदम्बा माय। टेर। …

काई सुता वो सुखभर नींद में,
मारी नागणेशी माय,ए मारी चामुंडा ये माय।
कांई थारे काना छायो बेर,मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,मारी जगदम्बा माय। टेर। …

काजल टिकी सोवे चुड़लो ये,
मारी जगदम्बे मां ,ए मारी आवारा ये माय।
सोवे थाने सोलह सिंगार,मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,मारी जगदम्बा माय। टेर। …

कांई थारे पग में कांटो भागियो,
ये मारी जगदम्बे माय,ए मारी चामुंडा ये माय।
कतोड़े लगाई अतरी देर,मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,मारी जगदम्बा माय। टेर। …

कोई शक्ति रा थे हो अवतार,
मारी आवरा ये माय,ए मारी जोगणी ये माय।
आया मै थारोड़े दरबार,मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,मारी जगदम्बा माय। टेर। …

आउ जगदम्बा माऊ धोगवा,कोई नवराता रे माय।
परचा थे देवो हाथु हाथ,मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,मारी जगदम्बा माय। टेर। …

मारी परभारी सुनजो विनती,ये मारी चामुंडा माय।
राखो थे बालूड़ा री लाज,मावड़ी ये भवानी।
राखो थे भगता री लाज,मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,मारी जगदम्बा माय। टेर।  


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