जब जब मेरा मन घबराए और तकलीफ सताती है भजन लिरिक्स | JAB JAB MERA MAN GHABRAYE BHAJAN LYRICS |

जब जब मेरा मन घबराए और तकलीफ सताती है भजन लिरिक्स
| JAB JAB MERA MAN GHABRAYE BHAJAN LYRICS |

जब जब मेरा मन घबराए,
और तकलीफ सताती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

लोग से समझे मैं हूँ अकेला,
लेकिन साथ में मैया है,
लोग ये समझे डूब रहा मैं,
चल रही मेरी नैया है,
जब जब तूफ़ा आते हैं,
ये खुद पतवार चलाती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

जिसके आँसू कोई ना पौंछे,
कोई ना जिसको प्यार करे,
जिसके साथ ये दुनिया वाले,
मतलब का व्यवहार करे,
दुनियाँ जिसे ठुकाराती उसको,
दादी गले लगाती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

प्रीत की डोर बँधी दादी से,
जैसे दीपक बाती है,
कदम कदम पर रक्षा करती,
यह सुख दुख की साथी है,
संजू जब रस्ता नहीं सूझे,
प्रेम का दीप जलाती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

जब जब मेरा मन घबराए,
और तकलीफ सताती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है,
मेरे सिरहाने खड़ी है दादी,
सर पे हाथ फिराती है।

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