करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं स्वीकार करो माँ भजन लिरिक्स | KARATI HU TUMHARA VRAT BHAJAN LYRICS |

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं स्वीकार करो माँ भजन लिरिक्स
 | KARATI HU TUMHARA VRAT BHAJAN LYRICS |

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं, स्वीकार करो माँ,
मझधार में मैं अटकी, बेडा पार करो माँ।
हे माँ संतोषी, माँ संतोषी।

बैठी हूँ बड़ी आशा से तुम्हारे दरबार में,
क्यूँ रोए तुम्हारी बेटी इस निर्दयी संसार में।
पलटादो मेरी भी किस्मत, चमत्कार करो माँ,
मझधार में मैं अटकी, बेड़ा पार करो माँ।

मेरे लिए तो बंद है दुनियाँ की सब राहें,
कल्याण मेरा हो सकता है, माँ आप जो चाहें।
चिंता की आग से मेरा उद्धार करो माँ,
मझधार में मैं अटकी, बेड़ा पार करो माँ।

दुर्भाग्य की दीवार को तुम आज हटा दो,
मातेश्वरी वापिस मेरे सुहाग लौटा दो।
इस अभागिनी नारी से कुछ प्यार करो माँ,
मझधार में मैं अटकी, बेड़ा पार करो माँ।

Mata ji Bhajan,Mataji Bhajan Hindi Lyrics,Matarani K Bhajan,माता जी के भजन ,माता जी भजन हिन्दी लीरिक्स,मातारानी के भजन  

Youtube Video



और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||

Blogger द्वारा संचालित.