रविवार आरती लिरिक्स | Ravivar Aarti Lyrics |

रविवार आरती लिरिक्स
 | Ravivar Aarti Lyrics |

कहूँ लगी आरती दास करेंगे,
सकल जगत जाकी जोत बिराजे || हो राम ||

सात समुद्र जाके चरणनि बसे,
कहा भयो जल कुम्भ भरे || हो राम ||

कोटि भानु जाके नख की शोभा,
कहा भयो मंदिर दीप धरे || हो राम ||

भार अठारह राम बलि जाके,
कहा भयो शिर पुष्पधरे || हो राम ||

छप्पन भोग जाके नितप्रति लागे,
कहा भयो नैवेद्य धरे || हो राम ||

अमित कोटि जाके बाजा बाजे,
कहा भयो झनकार करे || हो राम ||

चार वेद जाके मुख की शोभा,
कहा भयो ब्रम्हा वेद पढ़े || हो राम ||

शिव सनकादी आदि ब्रम्हादिक,
नारद हनी जाको ध्यान धरे || हो राम ||

हिम मंदार जाको पवन झकोरे,
कहा भयो शिव चवँर दुरे || हो राम ||

लाख चौरासी वन्दे छुडाये,
केवल हरियश नामदेव गाये || हो राम ||

नवरात्री Special आरतियाँ, Aarti Lyrics, गणेश जी की आरती,Hindi Aarti, All Aarti Lyrics, Aarti songs,Mataji Ki Aarti,Aarti Kunj Bihari Ki krishna Aarti,Ganesh Ji Aarti,Shivji Aarti


Youtube Video



और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||

Blogger द्वारा संचालित.