सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे भजन लीरिक्स | Sarswati Mata Ka Prata Dhyan Dhare Bhajan Lyrics |

सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे भजन लीरिक्स
 | Sarswati Mata Ka Prata Dhyan Dhare Bhajan Lyrics |

सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे,
फिर हम अंतर् मन में अपने ज्ञान भरे.
कला विध्या सुर देने वाली देवी को,
रोज सुबह उठ कर के हम परनाम करे,

फूल बिना सुना जो सारा उपवन है,
बिन शिक्षा के अधूरा सारा जीवन है,
भटके न वो कभी भी अपनी राह से,
जोड़ता जो माता से आपने बंधन है,
विध्या धयानी हंस वाहनी की पूजा,
निश दिन मिल के हम सब सुबहो शाम करे,
सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे,

वीणा धारणी तेरा जिसको साथ मिले,
रोशन उनका सदा सदा घर द्वार रहे,
मन मंदिर में तेरा देवी जो वास हो,
बोली अपनी मीठी भाषा सुभाष हो,
वर ऐसा दो जब भी कुछ कहना चाहु,
मुख ये अपना माँ तेरा गुण गान करे,
सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे,

Mata ji Bhajan,Mataji Bhajan Hindi Lyrics,Matarani K Bhajan,माता जी के भजन ,माता जी भजन हिन्दी लीरिक्स,मातारानी के भजन  

Youtube Video



और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||

Blogger द्वारा संचालित.