ना जी भर के देखा ना कुछ बात की भजन लीरिक्स | Na Ji Bhar Ke Dekha Na Kuchh Baat Ki Krishna Bhajan Lyrics | | Vinod Agarwal |
ना जी भर के देखा ना कुछ बात की भजन लीरिक्स
| Na Ji Bhar Ke Dekha Na Kuchh Baat Ki Krishna Bhajan Lyrics |
| Vinod Agarwal |
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की।
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की।
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की।
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की।
करो दृष्टि अब तो प्रभु करुना की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की॥
करो दृष्टि अब तो प्रभु करुना की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की॥
गए जब से मथुरा, वो मोहन मुरारी
गए जब से मथुरा, वो मोहन मुरारी
सभी गोपिया बृज में व्याकुल थी भारी
सभी गोपिया बृज में व्याकुल थी भारी
सभी गोपिया बृज में व्याकुल थी भारी
सभी गोपिया बृज में व्याकुल थी भारी ।
कहा दिन बिताया, कहाँ रात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
कहा दिन बिताया, कहाँ रात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
कहा दिन बिताया, कहाँ रात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की॥
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की।
चले आओ.., चले आओ.., चले आओ..,
चले आओ, अब तो ओ प्यारे कन्हैया
चले आओ, अब तो ओ प्यारे कन्हैया
चले आओ, अब तो ओ प्यारे कन्हैया
चले आओ, अब तो ओ प्यारे कन्हैया
ये सूनी है कुंजन और व्याकुल है गैया
ये सूनी है कुंजन और व्याकुल है गैया
ये सूनी है कुंजन और व्याकुल है गैया
ये सूनी है कुंजन और व्याकुल है गैया।
सूना दो अब तो इन्हें धुन मुरली की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
सूना दो अब तो इन्हें धुन मुरली की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
सूना दो अब तो इन्हें धुन मुरली की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ।
तेरा मुस्कुराना भला कैसे भूलें
तेरा मुस्कुराना भला कैसे भूलें
तेरा मुस्कुराना भला कैसे भूलें
तेरा मुस्कुराना भला कैसे भूलें
वो कदमन की छैया, वो सावन के झूले
वो कदमन की छैया, वो सावन के झूले ।
ना कोयल की कू कू, ना पपीहा की पी
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना कोयल की कू कू, ना पपीहा की पी
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ।
तमन्ना यही थी की आएंगे मोहन
तमन्ना यही थी की आएंगे मोहन
तमन्ना यही थी की आएंगे मोहन
तमन्ना यही थी की आएंगे मोहन
मैं चरणों में वारुंगी तन मन यह जीवन
मैं चरणों में वारुंगी तन मन यह जीवन।
हाय मेरा यह कैसा बिगड़ा नसीब
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
हाय मेरा यह कैसा बिगड़ा नसीब
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ।
हम बैठे हैं गम उनका दिल में ही पाले
हम बैठे हैं गम उनका दिल में ही पाले
भला ऐसे में खुद को कैसे संभाले
भला ऐसे में खुद को कैसे संभाले
भला ऐसे में खुद को कैसे संभाले
भला ऐसे में खुद को कैसे संभाले ।
ना उनकी सुनी, ना कुछ अपनी कही
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना उनकी सुनी, ना कुछ अपनी कही
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना उनकी सुनी, ना कुछ अपनी कही
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना उनकी सुनी, ना कुछ अपनी कही
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ।