मेरे देश की धरती लिरिक्स | Mere Desh Ki Dharti Lyrics |

मेरे देश की धरती लिरिक्स | Mere Desh Ki Dharti Lyrics |

मेरे देश की धरती लिरिक्स
 | Mere Desh Ki Dharti Lyrics |

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

बैलों के गले में जब घुँघरू,
जीवन का राग सुनाते हैं,
ग़म कोस दूर हो जाते है,
खुशियों के कमल मुस्काते हैं,
सुन के रहट की आवाज़ें,
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे,
आते ही मस्त बहारों के,
दुल्हन की तरह हर खेत सजे।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

जब चलते हैं इस धरती पर हल,
ममता अँगड़ाइयाँ लेती है,
क्यों ना पूजें इस माटी को,
जो जीवन का सुख देती है,
इस धरती पे जिसने जन्म लिया,
उसने ही पाया प्यार तेरा,
यहाँ अपना पराया कोई नही,
हैं सब पे है माँ उपकार तेरा।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

ये बाग़ हैं गौतम नानक का,
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ,
गांधी सुभाष टैगोर तिलक,
ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ,
रंग हरा हरिसिंह नलवे से,
रंग लाल है लाल बहादुर से,
रंग बना बसंती भगतसिंह,
रंग अमन का वीर जवाहर से।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।

Deshbhakti Geet,देशभक्ति गीत
Songs For 26th January
Songs For 15th Augast
Deshbhakti Special Geet


Youtube Video



और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||


via Blogger https://ift.tt/LAnqFOh
August 11, 2022 at 09:22PM
Blogger द्वारा संचालित.