मुझे अपनी माँ से गिला, मिला ये ही सिला भजन लीरिक्स | Mujhe Maa Se Gila Mila Ye Hi Sila Bhajan Lyrics |
मुझे अपनी माँ से गिला, मिला ये ही सिला भजन लीरिक्स
| Mujhe Maa Se Gila Mila Ye Hi Sila Bhajan Lyrics |
मुझे अपनी माँ से गिला, मिला ये ही सिला
बेटिया क्यों परायी हैं, मेरी माँ
बेटिया क्यों परायी हैं, मेरी माँ
खेली कूदी मैं जिस आँगन में,
वो भी अपना पराया सा लागे ।
ऐसा दस्तूर क्यों है माँ,
जोर किसका चला इसके आगे ।
एक को घर दिया, एक को वार दिया,
तेरी कैसी खुदाई है ॥
मुझे माँ से गिला…
जो भी माँगा मैंने बाबुल से,
दिया हस के मुझे बाबुल ने ।
प्यार इतना दिया है मुझको,
क्या बयान मैं करू अपने मुख से ।
जिस घर में पली, उस घर से ही माँ,
यह कैसी बिदाई है ॥
मुझे माँ से गिला…
अच्छा घर सुन्दर घर देखा माँ ने,
क्षण में कर दिया उनके हवाले ।
जिंदगी भर का यह है बंधन,
कह के समझाते हैं घर वाले ।
देते दिल से दुया, खुश रहना सदा,
कैसी प्रीत निभायी है ॥
मुझे माँ से गिला…
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