नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा भजन लीरिक्स | Nanhe Paon Mere Uncha Parvat Tera Bhajan Lyrics | | Sonu Nigam |
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा भजन लीरिक्स
| Nanhe Paon Mere Uncha Parvat Tera Bhajan Lyrics |
| Sonu Nigam |
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा ,
माँ फिर से पवन का रूप बना के
मुझे अपने द्वारे तू ले चल उड़ा के
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा ,
माँ फिर से पवन का रूप बना के
मुझे अपने द्वारे तू ले चल उड़ा के
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा
वैसे तोह निकला था मई आज अकेला ,
मिला मुह्जे राहो में , दुनिया का मेला
भिर में सब के सब है तेरे दीवाने ,
मुझको तेरी धुन है , ये कोई ना जाने ,
सब के मन में माता तेरे दर्शन की अभिलाषा है ,
सब के मन में माता तेरे दर्शन की अभिलाषा है ,
सब की एहि अभिलाषा है , जय तेरी माँ , जय तेरी माँ जय तेरी माँ ,
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा ,
माँ फिर से पवन का रूप बना के
मुझे अपने द्वारे तू ले चल उड़ा के
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा
तेरी लगन की मैया है एहि कहानी ,
भूक लगी है मुझको ना पिया है पानी ,
धुप लगी है छाओ तेरे राहू में ,
थके ना मेरे पाओ तेरी राहो में ,
सब के मन में माता तेरे दर्शन की अभिलाषा है ,
सब की एहि अभिलाषा है , जय तेरी माँ , जय तेरी माँ जय तेरी माँ ,
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा ,
माँ फिर से पवन का रूप बना के
मुझे अपने द्वारे तू ले चल उड़ा के
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा
हाँथ तेरा ले लेके मई बढ़ता आया ,
रुके बिना पर्वत पे मई चढ़ता आया ,
आ पंहुचा हु मैया मई भवन पे तेरे ,
मिलके दूर ना होना नैनो से मेरे ,
सब के मन में माता तेरे दर्शन की अभिलाषा है ,
सब की एहि अभिलाषा है , जय तेरी माँ , जय तेरी माँ जय तेरी माँ ,
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा ,
माँ फिर से पवन का रूप बना के
मुझे अपने द्वारे तू ले चल उड़ा के
नन्हे नन्हे पाओ मेरे ऊँचा पर्वत तेरा ,
देख कही मई गिर ना जाओ हाँथ पकरले मेरा