सुन मेरी देवी पर्वतवासनी भजन लीरिक्स | Sun Meri Devi Parvat Vasini Bhajan Lyrics |

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी भजन लीरिक्स
 | Sun Meri Devi Parvat Vasini Bhajan Lyrics |

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया ॥

पान सुपारी ध्वजा नारियल ।
ले तेरी भेंट चडाया ॥
॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी…॥

सुवा चोली तेरी अंग विराजे ।
केसर तिलक लगाया ॥
॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी…॥

नंगे पग मां अकबर आया ।
सोने का छत्र चडाया ॥
॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी…॥

ऊंचे पर्वत बनयो देवालाया ।
निचे शहर बसाया ॥
॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी…॥

सत्युग, द्वापर, त्रेता मध्ये ।
कालियुग राज सवाया ॥
॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी…॥

धूप दीप नैवैध्य आर्ती ।
मोहन भोग लगाया ॥
॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी…॥

ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया ।
मनवंचित फल पाया ॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया ॥

Mata ji Bhajan,Mataji Bhajan Hindi Lyrics,Matarani K Bhajan,माता जी के भजन ,माता जी भजन हिन्दी लीरिक्स,मातारानी के भजन, Navratri Special Bhajan, 

Youtube Video



और भी ऐसे ही मधुर भजनों की लिरिक्स के लिए हमारी वेबसाइट को विजिट करते रहे|
इस भजन को आप अपने मित्रगणों के साथ शेयर करिए|
यदि आप भी हमें कोई भजन या अन्य उपयोगी सामग्री भेजना चाहे नीचे दिए गए बटन का प्रयोग करे|
|| आप को मारवाड़ी भजन डॉट कॉम की और से सादर जय सियाराम ||

Blogger द्वारा संचालित.