तुम बसी हो कण कण अन्दर माँ भजन लीरिक्स | Tum Basi Ho Kan Kan Andar Maa Bhajan Lyrics | |Sonu Nigam |

तुम बसी हो कण कण अन्दर माँ भजन लीरिक्स
| Tum Basi Ho Kan Kan Andar Maa Bhajan Lyrics |
 | Sonu Nigam |

तुम बसी हो कण कण अन्दर माँ
तुम बसी हो कण कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में

हम मूढमति हम अनजाने
माँ सार तुम्हारा क्या जाने

तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में
तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में

तेरी माया को न जान सके
तुझको न कभी पहचान सके
हम मोह की निद्रा सोये रहे
माँ इधर उधर ही खोये रहे

तू सूरज तू ही चन्द्रमा
तू सूरज तू ही चन्द्रमा
हम ढूंढते रह गये मंदिर में

तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में
तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में

हर जगह तुम्हारे डेरे माँ
कोई खेल न जाने तेरे माँ
इन नैनो को न पता लगे
किस रूप में तेरी ज्योत जगे

तू पर्वत तू ही समंदर माँ
तू पर्वत तू ही समंदर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में

तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में
तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में

कोई कहता तुम ही पवन में हो
और तुम ही ज्वाला अगन में हो
कहते है अम्बर और जमी
तुम सब कुछ हो, हम कुछ भी नहीं

फल फूल तुम्ही, हो तरुवर माँ
फल फूल तुम्ही, हो तरुवर माँ
हम दूंध्ते रहगये मंदिर में

तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रहगये मंदिर में
तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रहगये मंदिर में

हम मूढमति हम अंजाने
माँ सार तुम्हारा क्या जाने
तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में
तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ
हम ढूंढते रह गये मंदिर में


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