| माँ अंबे तुम कहां हो भजन लीरिक्स | Maa Ambey Tum Kahan Ho Bhajan Lyrics Navratri Bhajan |

| माँ अंबे तुम कहां हो भजन लीरिक्स 
 | Maa Ambey Tum Kahan Ho Bhajan Lyrics Navratri Bhajan |

माँ अम्बे तुम्हें मैं खत लिखती
पर पता मुझे मालूम नहीं

दुःख भी लिखती सुख भी लिखती
पर पता मुझे मालूम नहीं

माँ अम्बे तुम्हें मैं खत लिखती
पर पता मुझे मालूम नहीं

सूरज से पूछा चंदा से पूछा
पूछा टिम टिम तारो से
इन सबने कहा अम्बर में है
पर पता मुझे मालूम नहीं

फूलो से पूछा कलियों से पूछा
पूछा बाग़ के माली से
इन सबने कहा हर डाल पे है
पर पता मुझे मालूम नहीं

नदियों से पूछा लहरों से पूछा
पूछा झर झर झरनो ने कहा
सागर में है पर पता मुझे मालूम नहीं

माँ अम्बे तुम्हें मैं खत लिखती
पर पता मुझे मालूम नहीं

साधु से पूछा संतो से पूछा
पूछा दुनिया के लोगो से
इन् सबने कहा ह्रदय में है
पर पता मुझे मालूम नहीं

माँ अम्बे तुम्हें मैं खत लिखती
पर पता मुझे मालूम नहीं

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