जन्मों से भटकी नाव को राम भजन हिंदी लिरिक्स | Janmon Se Bhatki Naav Ko Ram Hindi Bhajan Lyrics |

जन्मों से भटकी नाव को राम भजन हिंदी लिरिक्स
| Janmon Se Bhatki Naav Ko Ram Hindi Bhajan Lyrics |

जन्मो से भटकी हुई नाव को,
आज किनारा मिल गया,
राम मेरे मुझ पापी को भी,
तेरा सहारा मिल गया,
जन्मो से भटकी हुई नाव को,
आज किनारा मिल गया……

उलझा हुआ था मैं माया के जंगल में,
तुम ने बचाया मुझे तुम ने बचाया मुझे,
श्रद्धा सबुरी का वरदान दे,
कर जीना सिखाया मुझे,
जीना सिखाया मुझे,
तेरी कृपा से गंगा के जल में,
पानी ये खारा मिल गया,
जन्मो से भटकी हुई नाव को,
आज किनारा मिल गया…….

कहने को तो चल रही थी,
ये सांसे बेजान थी आत्मा,
बेजान थी आत्मा,
हां मेरे पापो का जन्मो के,
शापों का तुमने किया खात्मा,
तुमने किया खात्मा,
तुमने छुआ तो तुम्हारा हुआ तो,
जीवन दोबारा मिल गया,
जन्मो से भटकी हुई नाव को,
आज किनारा मिल गया….

ना जाने कितने जन्म और,
जलता तृष्णा की इस आग में,
तृष्णा की इस आग में,
काले सवेरे थे लिखे अँधेरे थे,
शायद मेरे भाग्य में,
तुम आये ऐसे अंधेरों में जैसे,
कोई सितारा मिल गया,
जन्मो से भटकी हुई नाव को,
आज किनारा मिल गया….

राम मेरे मुझ पापी को भी,
तेरा सहारा मिल गया,
जन्मो से भटकी हुई नाव को,
आज किनारा मिल गया,
आज किनारा मिल गया..

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