सीता के राम राधा के श्याम लिरिक्स

सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।

महलों का सुख छोड़ सिया ने, राम का साथ निभाया,
लक्ष्मी ने धर रूप सिया का, जग का पाप मिटाया,
बना दिया था इस धरती को, राम भक्ति का धाम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।

राधा ने श्री श्याम सुन्दर संग, ऐसा रास रचाया,
तीन लोक में श्याम और राधा का रूप समाया,
कोटि-कोटि भक्तों के मुख पर, राधेश्यम का नाम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।

मीरा ने महलों की झूठी, महिमा को ठुकराया,
तोड़ जगत के बन्धन, अपने गिरधर को अपनाया,
प्रेम दीवानी मीरा को, करते हैं भक्त प्रणाम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।

सीता राधा और मीरा के, सबसे न्यारे स्वामी,
सबसे न्यारे सबके प्यारे, स्वामी अन्तर्यामी,
सदा बनाया करते प्रभु जी, सबके बिगड़े काम,
सीता के राम, राधा के श्याम,
मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।।

सीता के राम, राधा के श्याम,मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।। महलों का सुख छोड़ सिया ने, राम का साथ निभाया,लक्ष्मी ने धर रूप सिया का, जग का पाप मिटाया,बना दिया था इस धरती को, राम भक्ति का धाम,सीता के राम, राधा के श्याम,मीरा के गिरधर नागर सूर के घनश्याम ।। राधा ने […]


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