जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया लिरिक्स

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है ।।

तर्ज – ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

मात-पिता को सब समझाया,
मैं हूँ लीला करने आया,
जैसा कहु वैसा ही करना,
जगत भलाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है ।।

कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
देखो अंगूठा चूसते,
मोहनी सूरत बनाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ।।

बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेष नाग है सेवा दार,
यमूना जी की बाढ़,
ना जाने कहाँ समाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है ।।


जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,सबको बहुत बधाई है,बहुत बधाई है,सबको बहुत बधाई है,जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,सबको बहुत बधाई है ।। तर्ज – ऐसो चटक मटक सो ठाकुर । मात-पिता को सब समझाया,मैं हूँ लीला करने आया,जैसा कहु वैसा ही करना,जगत भलाई है,जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,सबको बहुत बधाई है ।। कैसा किया है जादू […]


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