बांके बिहारी की देख छटा लिरिक्स

बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा ।।

कब से खोजूं बनवारी को,
बनवारी को, गिरिधारी को,
कोई बता दे उसका पता,
मेरो मन है गयो लटा पटा ।।

मोर मुकुट श्यामल तन धारी,
कर मुरली अधरन सजी प्यारी,
कमर में बांदे पीला पटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा ।।

पनिया भरन यमुना तट आई,
बीच में मिल गए कृष्ण कन्हाई,
फोड़ दियो पानी को घटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा ।।

टेडी नज़रें लट घुंघराली,
मार रही मेरे दिल पे कटारी,
और श्याम वरन जैसे कारी घटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा ।।

मिलते हैं उसे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, सनेह बिहारी,
राधे राधे जिस ने रटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा ।।

बांके बिहारी की देख छटा,मेरो मन है गयो लटा पटा ।। कब से खोजूं बनवारी को,बनवारी को, गिरिधारी को,कोई बता दे उसका पता,मेरो मन है गयो लटा पटा ।। मोर मुकुट श्यामल तन धारी,कर मुरली अधरन सजी प्यारी,कमर में बांदे पीला पटा,मेरो मन है गयो लटा पटा ।। पनिया भरन यमुना तट आई,बीच में मिल […]


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