साँवरिया ले चल परली पार लिरिक्स
साँवरिया ले चल परली पार,
(कन्हैया ले चल परली पार),
जहां विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार ।।
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,
यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणो की दासी, मेरे प्राण आधार,
साँवरिया ले चल परली पार ।।
तेरी आस लगा बैठी हूँ,
लज्जा शील गवा बैठी हूँ,
मैं अपना आप लूटा बैठी हूँ,
आँखें खूब थका बैठी हूँ,
साँवरिया मैं तेरी रागिनी, तू मेरा मल्हार,
साँवरिया ले चल परली पार ।।
जग की कुछ परवाह नहीं है,
सूझती अब कोई राह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
और बची कोई राह नहीं है,
मेरे प्रियतम, मेरे मांझी, करदो बेडा पार,
साँवरिया ले चल परली पार ।।
आनंद धन जहा बरस रहा,
पीय पीय कर कोई बरस रहा है,
पत्ता पत्ता हरष रहा है,
भगत बेचारा तरस रहा है,
बहुत हुई अब हार गयी मैं, मेरे प्राण आधार,
साँवरिया ले चल परली पार ।।
साँवरिया ले चल परली पार,(कन्हैया ले चल परली पार),जहां विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार ।। गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,यह जीवन भी तेरे अर्पण,मैं तेरे चरणो की दासी, मेरे प्राण आधार,साँवरिया ले चल परली पार ।। तेरी आस लगा बैठी हूँ,लज्जा शील गवा बैठी हूँ,मैं अपना आप […]