भावों को सुनता है कुछ ना कहता है लिरिक्स
भावों को सुनता है कुछ न कहता है,
सच्चे प्रेमी से ही सेवा लेता है,
दिखता नहीं पर संग रहता है,
भावों को सुनता है कुछ ना कहता है ।।
तर्ज – फूलों का तारों का सबका कहना है ।
दुख से हारा प्रेमी जब हो जाता उदास,
ना जाने क्यूं दिल से आती ये आवाज,
उनकी शरण में है फिर क्यों डरता है,
सच्चे प्रेमी से ही सेवा लेता है,
दिखता नहीं पर संग रहता है,
भावों को सुनता है कुछ ना कहता है ।।
हम नसीबों वाले हैं हमको श्याम मिला,
हम है भाग्यशाली जिसे इसका प्यार मिला,
सुख दुख का पहिया तो चलता रहता है,
सच्चे प्रेमी से ही सेवा लेता है,
दिखता नहीं पर संग रहता है,
भावों को सुनता है कुछ ना कहता है ।।
हिम्मत बढ़ जाती है जब नाम गाउं मैं,
हर मुश्किल को आसान होता पाऊं मैं,
पग पग पर प्रेमी की रक्षा करता है,
सच्चे प्रेमी से ही सेवा लेता है,
दिखता नहीं पर संग रहता है,
भावों को सुनता है कुछ ना कहता है ।।
सच्चे भाव का भूखा इसे भजन सुनाए जा,
ये सारे जग का मालिक इसे मीत बनाए जा,
ये अपने प्रेमी को शरण में रखता है,
सच्चे प्रेमी से ही सेवा लेता है,
दिखता नहीं पर संग रहता है,
भावों को सुनता है कुछ ना कहता है ।।
लिरिक्स – पवन भाटिआ जी