लाज रखो गिरिधारी, मोरी लाज रखो गिरिधारी लिरिक्स

लाज रखो गिरिधारी,
मोरी लाज रखो गिरिधारी ।।

जैसी लाज राखी अर्जुन की,
भारत-युद्ध मँझारी,
सारथी होके रथ को हाक्यो,
चक्र सुदर्शन धारी,
भक्त की एक न टारी,
लाज रखो गिरधारी ।।

जैसी लाज राखी द्रोपदी की,
होन न दीन उघारी,
खेंचत खेंचत दोउ भुज थाक्यो,
दुःशासन पच धारी,
चीर बढ़ायो मुरारी,
लाज रखो गिरधारी ।।

‘सूरदास’ की राखो लाज प्रभु,
अब को है रखवारी,
राधे राधे सुमरो प्यारो,
श्री वृषभानु-दुलारी,
शरण मैं आयो तिहारी,
लाज रखो गिरधारी ।।

लिरिक्स – सूरदास जी

लाज रखो गिरिधारी,मोरी लाज रखो गिरिधारी ।। जैसी लाज राखी अर्जुन की,भारत-युद्ध मँझारी,सारथी होके रथ को हाक्यो,चक्र सुदर्शन धारी,भक्त की एक न टारी,लाज रखो गिरधारी ।। जैसी लाज राखी द्रोपदी की,होन न दीन उघारी,खेंचत खेंचत दोउ भुज थाक्यो,दुःशासन पच धारी,चीर बढ़ायो मुरारी,लाज रखो गिरधारी ।। ‘सूरदास’ की राखो लाज प्रभु,अब को है रखवारी,राधे राधे सुमरो […]


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