दिन रात मैं जपती हूँ जय माँ गंगा भजन लिरिक्स | DIN RAAT JAPATI HU JAY MA GANGA BHAJAN LYRICS |

दिन रात मैं जपती हूँ जय माँ गंगा भजन लिरिक्स
 | DIN RAAT JAPATI HU JAY MA GANGA BHAJAN LYRICS |

जय माँ गंगे, जय माँ गंगे,
जय माँ गंगे, जय माँ गंगे,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
मन से पुजारन हूँ, उसकी दासी हूँ,
अद्भुत अमृत की हर समय प्यासी हूँ,
गुप चुप गुप चुप करु बात,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा
जय जय माँ गंगा।

धारो में भी देखु,
किनारो में भी देखु,
उसे उसके भक्तो डुलारो में भी देखु,
मैं भी तो गंगा का हूँ दीवाना दीवाना दीवाना,
जल में ही गंगा गंगा में ही जल है,
अमर ये सच्चाई बात ये अकल है,
ये सच सबको ही है बताना बताना बताना,
गंगा हम सबकी सिरजनहारी है,
हम है पापी तो वो बक्शनहारी है,
गुप चुप गुप चुप करु बात,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
मन से पुजारन हूँ, उसकी दासी हूँ,
अद्भुत अमृत की हर समय प्यासी हूँ,
गुप चुप गुप चुप करु बात,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा
जय जय माँ गंगा।

भक्ति में गंगा भावना में गंगा,
देखिये जिधर ही गंगा ही गंगा,
गंगा की गोदी में है ज़माना ज़माना ज़माना,
गुप्त भी है गंगा ज़ाहिर भी गंगा,
अंदर भी गंगा बाहर भी गंगा,
भी ज्ञान गंगा का ना भुलाना भुलाना भुलाना,
सबकी साँसों में गंगा बहती है,
जीवन धारा ये चलती रहती है,
गुप चुप गुप चुप करु बात,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
मन से पुजारन हूँ, उसकी दासी हूँ,
अद्भुत अमृत की हर समय प्यासी हूँ,
गुप चुप गुप चुप करु बात,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा
जय जय माँ गंगा।

मन से पुजारन हूँ, उसकी दासी हूँ,
अद्भुत अमृत की हर समय प्यासी हूँ,
गुप चुप गुप चुप करे बात,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
मन से पुजारन हूँ, उसकी दासी हूँ,
अद्भुत अमृत की हर समय प्यासी हूँ,
गुप चुप गुप चुप करु बात,
दिन रात मैं जपती हूँ, जय माँ गंगा,
जय जय माँ गंगा,
श्रद्धा से रखती हूँ, जय माँ गंगा
जय जय माँ गंगा।

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