पर्वत की चोटी पे मंदिर माँ बड़ी दूर भजन लिरिक्स | PARVAT KI CHOTI PE BHAJAN LYRICS |

पर्वत की चोटी पे मंदिर माँ बड़ी दूर भजन लिरिक्स
| PARVAT KI CHOTI PE BHAJAN LYRICS |

पर्वत की चोटी पे
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर

पाँव में पड़ गए छाले मेरे
थक कर हो गयी चूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर
बांह पकड़ के ले जा मुझको
विनती कर मंज़ूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर

तुम महादेवी महाबलशाली
हम मानव कमज़ोर
हम मानव कमज़ोर

रस्ते में ही टूट ना जाये
इन साँसों की डोर
इन साँसों की डोर
तुमसे दया की भिक्षा मांगू
होकर मैं मजबूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर

पाँव में पड़ गए छाले मेरे
थक कर हो गयी चूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर

तुमको पता है इस दुखिया के
कैसे है हालात हो
कैसे है हालात
रूठा हुआ है सुख का उजाला
छायी दुःख की रात ओ
छायी दुःख की रात
भूले से अगर हो गया हो तो
करदे माफ़ कसूर
पर्वत की चोटी पे
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर

पर्वत की चोटी पे
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर

पाँव में पड़ गए छाले मेरे
थक कर हो गयी चूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर
पर्वत की चोटी पे
मंदिर माँ बड़ी दूर

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