दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ भजन लिरिक्स | DURGE JAGO DURGATI NASHINI BHAJAN LYRICS |

दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ भजन लिरिक्स
| DURGE JAGO DURGATI NASHINI BHAJAN LYRICS |

दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की,
तुम वैष्णवी हो तुम शंकरी हो,
ब्राह्मणी तूम हो आधार भूतः,
तुमसे जगत है प्राणी है तुमसे,
प्रसीद माता सारे जगत की,
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की।

तुम बीज रूपा जग वृक्ष की माँ,
जगजननी माता भुवनेश्वरी माँ,
कदंब माता प्रत्युमं जननी,
प्रसीद माता सारे जगत की,
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की।

दयामयी सुत हित कारिणी माँ,
पद्मावती काल विनाशिनी माँ,
काली कराली धूमावती माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की।

उमा रमा शारदा गौरी माता,
छाया महातु तुष्टि पुष्टि दाता,
बुद्धि तृती वृत्ति कीर्ति अकीर्ती,
प्रसीद माता सारे जगत की,
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की।

विरजा रजा सम्पदा रिद्धि सिद्धि,
कामेश्वरी काम रूपा कामाग्नि,
कृपा कृपामयी कमनीय कान्ति,
प्रसीद माता सारे जगत की,
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की।

आदि स्वरूपा अभया अनुपमा,
अभ्यंतरा अप्लांत रूपा,
अति सुंदरी अति तन्द्रा भवानी,
प्रसीद माता सारे जगत की,
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की।

जगतहिता जग पूजा जगन्मयी,
जग पालिका पाप विनाशिका जया,
आनंद रूपा अखिलेश्वरीचना,
प्रसीद माता सारे जगत की,
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की।

चन्द्रानना चंचल नेत्र चरवा,
चित्ता चित्ती चिन्मयी विश्वरूपा,
द्वुईयाती ग्वुइये गौरी गौरांगी,
प्रसीद माता सारे जगत की,
दुर्गे जगो दुर्गति नाशिनी माँ,
प्रसीद माता सारे जगत की,
प्रसीद माता सारे जगत की,
प्रसीद माता सारे जगत की। 

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