जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए भजन लिरिक्स | JAGDAMBA KE DIWANO KO BHAJAN LYRICS |

जगदम्बा के दीवानों को दरश चाहिए भजन  लिरिक्स
 | JAGDAMBA KE DIWANO KO BHAJAN  LYRICS |

जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए,
हमें माँ तेरी इक, झलक चाहिए,
झलक चाहिये।

दया और ममता का मंदिर है तू,
तुझे क्या पता कितनी सूंदर है तू,
गुलाबों के माँ जैसा मन है तेरा,
हमे माँ तेरे जैसा मन चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिये।

तेरा रूप सबसे सुहाना लगे,
बिना भक्ति के जी कही ना लगे,
माँ भक्ति में तेरे हम डूबे रहे,
हमें ऐसा तुझसे माँ वर चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिये।

कई दैत्य तुमने पछाड़े है माँ,
तेरा शेर रण में दहाड़े है माँ,
तू काली नवदुर्गा तू ज्वाला है माँ,
हमे माँ तेरी ही शरण चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिये।

तू पर्वत तू नदियां तू धरती है माँ,
तू पाताल अम्बर सितारों में माँ,
तेरी इन भुजाओं में सृष्टि है माँ,
हमें इन भुजाओं का बल चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिये।

जगदंबा के दीवानों को,
दरश चाहिए, दरश चाहिए,
हमें माँ तेरी इक, झलक चाहिए,
झलक चाहिये।


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