जी मा काल रात्री भजन लीरिक्स | Jai Maa Kaalratri Bhajan Lyrics |

जी मा काल रात्री भजन लीरिक्स
 | Jai Maa Kaalratri Bhajan Lyrics |


सातवा जब नवरात्र हो, आनंद ही छा जाता।
अन्धकार सा रूप ले, पुजती हो माता॥

गले में विद्युत माला है, तीन नेत्र प्रगटाती।
धरती क्रोधित रूप, माँ चैन नहीं वो पाती॥

गर्दब पर वो बैठ कर, पाप का भोज उठाती।
धर्म की रखती मर्यादा, विचलित सी हो जाती॥

भूत प्रेत को दूर कर, निर्भयता है लाती।
योगिनिओं को साथ, ले धीरज वो दिलवाती॥

शक्ति पाने के लिए, तांत्रिक धरते ध्यान।
मेरे जीवन में भी, दो हलकी सी मुस्कान॥

नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ॥

जय माँ कालरात्रि।
जय माँ कालरात्रि॥


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